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दिन तो गुज़रा। जब शाम हुई ,मुझे एक ख्वाजा सिरा महल में बुला कर ले गया। जाकर देखा तो अकाबिर आलिम और फ़ाज़िल साहब शरा हाज़िर है। मैं भी उसी जलसे ...